मोहिनी मूरत
नशा हूं मै ,
बला हूं मै ,
सावली सुरत ,
मोहनी मूरत,
गजब की खूबसूरत
बला हूं मैं ,
कई दर्दे दिल की दवा हूं मैं ,
मेरी तलब है बड़ी ही निराली,
मै मन मोहक अदाओं वाली,
ना जानू कोई सुबह ना शाम,
जब जी चाहे मै देती आराम ,
महल , झोपड़ी , घर हो या ऑफिस ,
नहीं मुझ पर कोई कही पर भी बंदिस,
जब जी चाहे मुझे लबों से लगा लो,
अकेले पियो या सबको बुला लो,
अमीरी गरीबी ना देखा ना जाना,
हर कोई देखो है मेरा दीवाना,
गली , चौक, नुक्कड़ हो , मंदिर या मस्जिद,
मेरे दीवानों पर नहीं कोई बंदिश,
लगु जो लबों से नीदें उड़ा दू ,
जो उतरू हलक से जादू चला दू,
पहचान बढ़ानी हो या रिश्ते बनाना,
सबसे सुंदर है मेरा बहाना,
" एक कप चाय " पर उनको बुलाना,
मेरा रिश्ता है सबसे पुराना,
हर कोई देखो है मेरा दीवाना
बस रिश्ते को तुम बस आगे बढ़ाना।।।
Mohammed urooj khan
19-Oct-2023 11:38 AM
लाजवाब, 👌👌👌👌
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Abhinav ji
19-Oct-2023 08:14 AM
Very nice 👍
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Punam verma
19-Oct-2023 07:38 AM
Nice👍
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